दोहा: शिल्प और प्रयोग cover art

दोहा: शिल्प और प्रयोग

दोहा: शिल्प और प्रयोग

Listen for free

View show details

About this listen

इस कड़ी में रमेश चौहान की दोहा प्रभाकर के "दोहा: शिल्प और प्रयोग" खण्ड़ से लिए गए उद्धरण दोहे की प्रकृति और इसके विभिन्न काव्यात्मक अनुप्रयोगों का विवरण प्रस्तुत है। यह दोहे को एक मुक्तक छंद के रूप में परिभाषित करता है जो एक ही इकाई में पूर्ण अर्थ समाहित करता है, अक्सर "गागर में सागर" के समान भाव व्यक्त करता है। इसमें पारंपरिक दोहे के अलावा दोहा-गीत, सिंहावलोकनी दोहा, और दोहा मुक्तक जैसे नए प्रयोगात्मक रूपों की भी चर्चा है, जो दोहे के अंतर्निहित गेय गुणों और इसकी अनुकूलनशीलता को प्रदर्शित करते हैं। उदाहरणों के माध्यम से, यह दोहे की शिल्पगत विशेषताओं को स्पष्ट करता है, जैसे कि शब्दों का सटीक चयन और विभिन्न रचनाओं में तुक और विन्यास का समावेश। कुल मिलाकर, पाठ दोहे की कालजयी अपील और आधुनिक काव्यात्मक संदर्भों में इसकी बहुमुखी प्रतिभा को रेखांकित करता है।

इस पॉडकास्ट शो के आधार ग्रंथ 'दोहा प्रभाकर' यहां से प्राप्त करें- दोहा प्रभाकर

#दोहाकाशिल्प

#कविताकीखोज

#दोहामुक्तक

#सिंहावलोकनीदोहा

#दोहाएकनवस्वर

#KabirToContemporary

#HindiPoetryPodcast

#DohaExperiment

#ModernDoha

#RameshChauhanPoetry

#DohaInNewLight


No reviews yet
In the spirit of reconciliation, Audible acknowledges the Traditional Custodians of country throughout Australia and their connections to land, sea and community. We pay our respect to their elders past and present and extend that respect to all Aboriginal and Torres Strait Islander peoples today.