Episodes

  • घर (Ghar)
    Apr 9 2024
    सवाल तो कई हैं पर अब घर तो घर है, जरूरतों को पूरा करने का घर, तन का घर-मन का घर, मेरा घर, उसका घर, छत वाला घर, खपरैलों में छुपा घर या फिर एक अपना घर यानि इश्क़। पर इस घर में हम जी तो सकते हैं, मर नहीं सकते। हमें मरने के लिए भी तो घर चाहिए...
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    3 mins
  • विंटेज (Vintage)
    Jan 20 2024
    ________________________ पुराने वृक्षों की खाल की रन्ध्रों में उग आते हैं छोटे-बड़े छातेनुमा पीले, मटमैले मशरूम मेरी पुरानी स्मृतियों में जिस तरह तुम्हारा उग आना होता है मटमैली, पीली, धुँधली सी हो कर किसी विंटेज खिड़की से थोड़ी सुन्दर लेकिन छू लेने महसूसने पकड़ने से बहुत दूर क्षणिकाओं की तरह।। ________________________ तारीख- २०-०१-२०२४ दो० १२:३६ बजे ________________________
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    1 min
  • Haan Tum Bilkul Waisi ho- Intezaarnama
    Jan 6 2024
    Khayal hi nahi, ishq bhi hai intezaarnama.
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    2 mins
  • बढ़ई और चिड़िया (Badhai aur chidiya)
    Oct 21 2023
    केदारनाथ सिंह शायद हिन्दी के समकालीन काव्य परिदृश्य में अकेले ऐसे कवि हैं, जो एक ही साथ गाँव के भी कवि हैं और शहर के भी। उनकी यह कविता शायद ऊँघते काटे जा रहे जंगलों की कराह होगी जो मुझे पढ़ने मिली।
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    2 mins
  • माँ और परछाई (Maa aur Parchhayi)
    Feb 28 2023
    एक अहसास कि माँ अभी मेरी हथेली पर अपना हाथ मल कर गईं और छोड़ गईं खुद को शीशे में, मुझ में...
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    1 min
  • जाना- इन्तज़ारनामा 2 (Jaana- Intzarnama 2)
    Feb 26 2023
    इतिहास में इंतजार की कोई जगह नहीं होती। इन्तज़ारनामा 2, ऑडियो- Santoor Flute Raag Jhinihoti by Pt. Shri Shiv kumar sharma, Pt. Shri Hariprasad chaurasiya.
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    3 mins
  • अव्यवस्थित ढंग (Avyavasthit Dhang)
    Feb 24 2023
    मेरा तुम्हारे लिए अव्यवस्थित ढंग से किया गया प्रेम हमेशा सबसे सुंदर रहा।। Poem by - Ankit
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    1 min
  • फूल सी कविता (Phool si Kavita)
    Feb 22 2023
    बहुत दिनों से फूल धरे हैं घर में टेबल की छत्ती पर मुरझाए से सिकुड़े सारे जैसे मेरा मन मुरझाया, मेरे मन के मुरझाने पर तुम तो पानी दे आँखों का कर देती हो ताजा सब कुछ, फूलों को बोलो क्या दूँ मैं ? कैसे ताजा करूँ कहो अब कैसे उनको यह बतलाऊँ, मेरी आँखों के देखे से नज़र लगी तो मुरझाता सब,
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    2 mins