Manto ki Badnaam Kahaniyan cover art

Manto ki Badnaam Kahaniyan

Manto ki Badnaam Kahaniyan

By: Ankit Dokania
Listen for free

About this listen

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है अंकित डोकानिया और शो मैन शो में मैं आपको सुनाऊंगा कहानियां, कविताएं | अगर आपको पसंद आए तो आप मेरे पॉडकास्ट को सब्सक्राइब कर सकते हैं |Ankit Dokania Drama & Plays
Episodes
  • टोबा टेक सिंह (मंटो की बदनाम कहानियां)
    Feb 9 2023

    टोबा टेक सिंह (उर्दू: ٹوبہ ٹیک سنگھ‎) सादत हसन मंटो द्वारा लिखी गई और १९५५ में प्रकाशित हुई एक प्रसिद्ध लघु कथा है। यह भारत के विभाजन के समय लाहौर के एक पागलख़ाने के पागलों पर आधारित है और समीक्षकों ने इस कथा को पिछले ५० सालों से सराहते हुए भारत-पाकिस्तान सम्बन्धों पर एक "शक्तिशाली तंज़" बताया है। सआदत हसन मंटो का परिचय मूल नाम :सआदत हसन मंटो जन्म :11 May 1912 | लुधियाना, पंजाब निधन :18 Jan 1955 | लाहौर, पंजाब झूठी दुनिया का सच्चा अफ़साना निगार “मेरी ज़िंदगी इक दीवार है जिसका पलस्तर में नाख़ुनों से खुरचता रहता हूँ। कभी चाहता हूँ कि इसकी तमाम ईंटें परागंदा कर दूं, कभी ये जी में आता है कि इस मलबे के ढेर पर इक नई इमारत खड़ी कर दूं।” मंटो मंटो की ज़िंदगी उनके अफ़सानों की तरह न सिर्फ़ ये कि दिलचस्प बल्कि संक्षिप्त भी थी। मात्र 42 साल 8 माह और चार दिन की छोटी सी ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा मंटो ने अपनी शर्तों पर, निहायत लापरवाई और लाउबालीपन से गुज़ारा। उन्होंने ज़िंदगी को एक बाज़ी की तरह खेला और हार कर भी जीत गए। अउर्दू भाषी समुदाय उर्दू शायरी को अगर ग़ालिब के हवाले से जानता है तो फ़िक्शन के लिए उसका हवाला मंटो हैं।


    Show More Show Less
    18 mins
  • खोल दो ( मंटो की बदनाम कहानियाँ )
    Feb 9 2023

     भारत-पाकिस्तान (बटवारे पर बनी फिल्में) बटवारा बेहद दर्दनाक था, जिसके असर लोगों के दिलों में आज भी जिंदा हैं। मंटो की कहानी ‘खोल दो’ में उसी बटवारे का हाल दिखाया गया है। कहानी एक लड़की की है जिसका अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया जाता है, लड़की के पिता उसे राहत शिविर में पागलों की तरह खोजता रहता है। आखिरकार वह लड़की एक अस्पताल में मिलती है, जहां डॉक्टर द्वारा ‘खोल दो’ बोलने पर लड़की अपना सलवार खोलने लगती है। मंटो की यह कहानी बंटवारे के दौरान महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को दर्शाती है। माना जाता है कि उस दौर में बलात्कार के बाद ज्यादातर महिलाएं आत्महत्या कर लेती थीं, लेकिन इस मुद्दे को मुख्यधारा से बिल्कुल दूर रखा गया था।

    Show More Show Less
    9 mins
No reviews yet
In the spirit of reconciliation, Audible acknowledges the Traditional Custodians of country throughout Australia and their connections to land, sea and community. We pay our respect to their elders past and present and extend that respect to all Aboriginal and Torres Strait Islander peoples today.