
Ch2-2. वे जो परमेश्वर के अनुग्रह को नकारते है (रोमियों २:१-१६)
Failed to add items
Add to basket failed.
Add to Wish List failed.
Remove from Wish List failed.
Follow podcast failed
Unfollow podcast failed
-
Narrated by:
-
By:
About this listen
आइए हम व्यवस्था के बारे में बात करे। प्रेरित पौलुस ने व्यवस्था पर आधार रखनेवाले यहूदियों को कहा, “अंत: हे दोष लगानेवाले, तू कोई क्यों न हो, तू निरुत्तर है; क्योंकि जिस बात में तू दुसरे पर दोष लगाता है उसी बात में अपने आप को भी दोषी ठहराता है, इसलिए की तू जो दोष लगाता है स्वयं ही वह काम करता है। हे मनुष्य, तू जो ऐसे ऐसे काम करनेवालों पर दोष लगाता है और आप वे ही काम करता है; क्या यह समझता है की तू परमेश्वर की दण्ड की आज्ञा से बच जाएगा?” (रोमियों २:१-३) विधि-सम्मत लोग सोचते है की वे ठीक रीति से परमेश्वर का आदर करते है। इस प्रकार के लोग अपने हृदय से परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते, लेकिन अपने गलत घमंड के द्वारा विश्वास करते है जो उनके खुद के कर्मो पर आधारित है। ऐसे लोगों को दूसरों का न्याय करना अच्छा लगता है और वे इस कार्य में कुशल है। हालाँकि, जब वे परमेश्वर के वचन से दूसरों का न्याय करते है, तब उन्हें पता नहीं चलता है की वे भी ठीक उन लोगों की तरह ही है जिनकी टिका हो रही है आर वे भी ऐसी ही गलती कर रहे है।
https://www.bjnewlife.org/
https://youtube.com/@TheNewLifeMission
https://www.facebook.com/shin.john.35