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Baba ji Vijay Vats

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By: Baba ji Vijay Vats
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About this listen

The purpose of creating this channel is to show people the right path, which keeps raising many questions in their mind, it is our full effort to get some answers. Whatever audio you are listening to here have not a motive to hurt the feelings of any person, religion, or community. That is why if someones gets hurt due to our efforts, then we apologize in advance.Baba ji Vijay Vats Spirituality
Episodes
  • 25 Dec 25 - मैं वो शय हूँ जो कायनात की खबर रखता हूँ! आपने कभी सन्देह वाले व्यक्तियों की छानबीन की है? Baba Ji Vijay Vats Satsang
    Dec 25 2025

    00:00 मन के गहरे तलों में उतर के क्या आपने कभी सन्देह वाले व्यक्तियों की छानबीन की है ?


    03:33 में जनता हु दोषी कौन है !


    04:00 मेरे जवानी के दिन ! शिवरात्रि का वो पावन दिन और बाबा का आगमन !


    13:44 हमारे प्रतिनिधि ओधे का मापदंड – कड़ी मेहनत , ईमानदारी और प्रतिभा


    16:09 अंत मति सो गति ! का अर्थ !


    18:00 सीता ने राम को न्योता नहीं दिया शिव धनुष तोड़ने का !


    18:27 राम के अलौकिक सौंदर्य का वर्णन !


    20:36 सीता की मां पार्वती और शंकर से प्रार्थना !


    21:02 कुंवारी लड़की के लिए पार्वती पूजा का रिवाज !


    24:11 इमर्जेंसी के वो दिन जब इंदिरा गांधी की सत्ता चला करती थी ! / इतिहास का वो काला दिन !


    28:33 जब चित्त बोझिल हो जाता है तो किसी न किसी के आगे राज खोल देता है !


    30:22 जब मन खाली होता है , फुल ऑक्सीजनेटेड हो जाता तक भीतर का अचेतन चेतन में आने लगता है !


    32:21 ब्रह्मांड में आपकी सारी बात रिकॉर्ड है !


    32:42 सीता ने धरणी में सामने से पहले राम से और राम कुश से क्या कहा !


    36:14 तुलसीदास की घर वाली रत्ना के अल्फाज !


    38:53 फुर्सत के लम्हों और अनहद नाद का महत्व !


    41:48 1976 के अखबारों की हेडलाइन : जज को क्यों सजा हुई ?


    43:20 मेरी भटकन के दिन !


    45:30 गोधरा कांड ! मेरे 3 विकल्प !


    46:22 कैंसर के कारण और प्रकृति कोप !


    49:02 Back To Judge Story !


    51:44 Back to Main Question !


    53:03 BJP वालो के धंधे पर जाके ये सवाल पूछना !


    55:25 अगर में मार दिया जाओ तो मेरे कातिलों को सजा मत देना !


    01:00:24 कर्म का फल निर्धारिकरण और सुपर सेंसिटिव कंप्यूटर!


    01:02:07 Song: कि पुछदीयों हाल फकीरा दा !

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    1 hr and 4 mins
  • 24 Dec 25 - संत के पैरों की धूल माथे क्यों लगाते हैं? समाधि के अंतिम छोर और संत की रहस्यमयी व्याख्या! Baba ji Vijay Vats Satsang
    Dec 24 2025

    00:00 संत के चरणों की धुली माथे क्यों लगते है ?

    मंदिर में पुजारी खड़ाऊ क्यों पहनते है ?


    01:46 संत की परिभाषा


    07:08 जब वह बरसता है तो इतना बरसता है कि उसका सीधा कनेक्शन समुद्र से हो जाता है !


    08:01 कबीर किस दान की बात करते है !


    09:03 28 oct 1985 ko उस बूंद पर वो उतरा था !


    09:46 प्राण प्रतिष्ठा किसे कहते है ?


    14:33 दान दिए धन न घटे कह गयो भक्त कबीर !! आध्यात्मिक या सांसारिक !


    15:48 सर्वव्यापकता का अर्थ !


    19:02 तुम उसे बुद्धि से समझने की चेष्टा करते हो जो नामुमकिन है !


    21:46 आइंस्टीन के अल्फाज :


    24:20 संत द्वार दी गयी व्याख्या : उपनिषद !


    25:11 समर्पण के बाद का पहला स्टेप : बुद्धि का समर्पण !


    26:34 भारत भूमि की महानता और संतों को किए जाने वाले प्रणाम का रहस्य !

    29:39 वंदे मातरम् में भारत भूमि की महानता का वर्णन !


    30:25 Song


    35:32 जब एक एंकर ने RSS वाले से वंदे मातरम् सुनाने को कह दिया !.


    37:56 Symbolic Representations !


    38:49 बुद्ध ने कैसे निरंजना नदी को निहाल कर दिया !


    40:58 तुम्हारे कर्म कांड !


    42:09 उठ जग मुसाफिर भोर हुई ; भजन


    44:04 प्रश्न क्या है ?


    47:17 भजन ; सूरत कलारी भई

    मतवारि ...


    48:06 अंतिम मंतव्य समाधि पर क्या होता है ?


    51:35 तुम्हारी बाधा क्या है ?


    54:48 में तुम्हारे थ्योरी बता सकता हु प्रैक्टिकल के तुमने उतरना पड़ेगा !


    55:57 जब मैने कह दिया कि में 25 Crore दूंगा.....


    57:46 Back to Main Question;


    59:51 मेरे चाचा पैदल क्यों जाते थे , संसाधन होने के बावजूद !


    01:02:00 जिसने उस भगवत्ता को प्राप्त कर लिया ...


    #25Crore #networth

    #वंदेमातरम #भारत #भूमि #समाधि #संतोषजनक

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    1 hr and 10 mins
  • 23 Dec 25 - गोरखनाथ का सूत्र! | दृष्टा ही दृश्य है! | अनहद नाद, क्रिया योग और ध्यान का संगम! Baba Ji Vijay Vats Satsang
    Dec 23 2025

    00:00 गोरख वाणी सूत्र :

    वेद कदेव न खानी बानी सब ढंग की तक आनी

    गगन शिखर में शब्द प्रकाश्या ते बुझा अलख बिकानि !


    01:42 गोरख प्रैक्टिकल बात करते है । अष्टावक्र मंजिल की बात करते है ।


    03:46 Observer is observed

    दृष्टा ही दृश्य है !


    06:29 मुझे लोग पूछ लेते है : बाबा कब मिलेगा ?


    07:29 सोए हुए को में कहा सोया हु ! ये कैसे पता चलेगा ; इस प्रश्न को अन्तस में ले जाना!


    10:35 बुद्धि संसार में काम आती है , अध्यात्म में नई !


    14:15 कही ये जल्दबाजी की में अभी पहुंच सकता हु तो क्यों देर करु ?


    16:12 3 व्यक्ति मेरे पास आए 100% श्रद्धा परिपूर्ण ! मार्ग मैने बता दिया और वो पहुंच गए !


    19:44 जब तुम उस अनंत रस में डूबोगे तब क्या होता ?


    21:28 अष्टावक्र एवं मंजिल का बखान ! और मूल सूत्र!


    23:39 कोई दार्शनिक क्यों नई पहुंच पाया ?


    24:26 बुद्धि साधन नहीं बाधा है !


    26:15 Song


    26:43 चल हंसा उस देश ...


    29:54 अमावस्या की रात कब होती है?


    32:28 जब मैने आंख का ऑपरेशन कराया ...

    1977 की वो घटना ...जब मेरी दोनों आंखों की रोशनी चली गई !


    37:15 अनहद नाद किस बात की खबर देता है?


    43:17 जब हम दिल्ली जा रहे थे ...


    46:01 गोरख की सरल तम रीत ..


    49:30 मीरा नानक कबीर ने जब रस पी लिया ....


    52:16 क्रिया योग और ध्यान से वो अमृत कुंड जग जाएगा ..


    54:31 नाद सबसे आसान और सरल साधन है !


    57:51 आज का सूत्र !


    01:00:19 कबीर के शब्द :


    01:04:14 साधु और असाधु की संगत !


    01:07:00 चिड़ी चोंच भर ले गई क्या गट जाए नीर !


    01:09:06 कर्म कैसा करना चाहिए ? और बाबा नायक का सिद्धांत !


    01:13:18 तुम्हारे पल पल का हिसाब तुम्हारे सुपर सेंसिटिव कंप्यूटर में होता है !


    01:14:02 गांधीजी की 4थी गोली का राज ...


    01:16:38 मोदी जी लड़कियों को छेड़ते है !


    01:22:19 बिहारी स्त्रियों को 10,000 क्यों दिया गया ?


    01:28:56 इंदिरा ने कौनसा भ्रम मिटाया ?


    01:29:42 जब मैने बिहार की शिष्या से पूछा कि तुमने पैसा क्यों लिया ?


    01:32:28 अगर सच्चे देश भक्त होते तो इंडियन रेलवे के जगह अदानी रेलवे न लिखा होता !




    #क्रियायोग #बाबाजी #विजय वत्स #कबीर #गोरखनाथ #ध्यान #अनहद नाद #अष्टवक्र

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    1 hr and 35 mins
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In the spirit of reconciliation, Audible acknowledges the Traditional Custodians of country throughout Australia and their connections to land, sea and community. We pay our respect to their elders past and present and extend that respect to all Aboriginal and Torres Strait Islander peoples today.