
धान की खेती के लिए पडलिंग या गीली जुताई कैसे करें
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धान की खेती के लिए पडलिंग या गीली जुताई कैसे करें? आइए जानते हैं इसका महत्त्व
खरीफ सीजन के लिए धान की खेती (Paddy Farming) जून-जुलाई महीने में की जाती है। इसके चलते खेत की तैयारी मानसून आने से पहले ही पूरी कर लेनी चाहिए। सबसे पहले मई महीने में खेत की गहरी जुताई की जाती है। इसके बाद 2-3 जुताई कल्टीवेटर तथा रोटावेटर से करते हैं। वहीं अंतिम जुताई के समय खेत में गोबर की सड़ी खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालना चाहिए।
गौरतलब हैं कि आज धान के किसानों को खेती की आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना चाहिए। जो कि धान के अधिक तथा गुणवत्तापूर्ण उत्पादन मददगार है। वहीं वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने से समय और श्रम की बचत होती है। इससे खेती लागत कम हो जाती है एवं किसानों को धान की खेती से अधिक मुनाफा मिलता है। बता दें कि किसानों को खेत की तैयारी से लेकर धान की कटाई तक कई बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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